पुलिस पर निबंध Essay on Police in hindi

पुलिस पर निबंध Essay on Police in hindi

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है,आज के इस लेख पुलिस पर निबंध हिंदी में (Essay on Police in Hindi)। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज आप

देश के अंदर देश तथा नागरिकों की संपत्ति के साथ देश के कानून की रक्षा तथा नागरिकों में शांति और सुरक्षा करने वाले पुलिस पर निबंध पड़ेंगे।

यह निबंध कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 वीं तक के बच्चों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, जबकि आप यहां से पुलिस पर निबंध यातायात पुलिस पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है, तो आइए दोस्तों करते हैं, शुरू आज का यह लेख पुलिस पर निबंध:-

पुलिस पर निबंध

पुलिस क्या है what is Police 

पुलिस गृह विभाग (Home Ministry) के अंतर्गत आने वाला एक सबसे महत्वपूर्ण विभाग है, जिसका मुख्य कार्य देश के अंदर विभिन्न प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में देश की

संपत्ति नागरिकों की संपत्ति और उनकी रक्षा करना है। पुलिस में महिला और पुरुष दोनों ही भर्ती हो सकते हैं। तथा दोनों का ही परम कर्तव्य देश की कानून व्यवस्था बनाए रखना

तथा उसका लोगों के द्वारा पालन करवाना होता है। देश में विभिन्न प्रकार के असामाजिक तत्व होते हैं, जो देश के संविधान देश के कानून के प्रति

विभिन्न प्रकार की असामाजिक गतिविधियाँ करते हैं। पुलिस उनको पकड़ कर न्यायालय में न्यायधीश के सामने पेश करती है, जहाँ उन पर कार्यवाही की जाती है, और दंड दिया जाता है।

पुलिस पर निबंध


पुलिस का फुल फॉर्म Full form of Police 

Police Full Form – Public Officer for legal investigations and criminal emergencies (पब्लिक ऑफिसर फॉर लीगल इंवेस्टीगेशंस एंड क्रिमिनल एमर्जेन्सीज़) होता है। जिसका सामान्य अर्थ कानूनी जांच और आपराधिक आपात स्थिति के लिए लोक अधिकारी होता है।

पुलिस के प्रकार Type of Police 

देश के अंदर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तथा देश के नागरिकों में शांति और सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के लिए पुलिस के विभिन्न प्रकार हैं

जो अपने अपने उत्तरदायित्व (Responsibility) को भलीभांति समझ कर उसे निभाते हैं। पुलिस के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:- 

सामान्य पुलिस - सामान्य पुलिस को हम आम तौर पर खाकी वर्दी में देखते हैं, जो विभिन्न प्रकार के थाना, चौकी आदि पर पदस्थ रहते हैं।

सामान्य पुलिस के सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य होते हैं, कि वे जनसाधारण में शांति तथा सुरक्षा की भावना जागृत करें, समाज में होने वाली

विभिन्न प्रकार की असामाजिक गतिविधियों जैसे की चोरी, डकैती, लूटपाट अपराध पर अंकुश लगाए और दोषियों को पकड़ कर न्यायालय में पेश करें।

जेल पुलिस - जेल पुलिस छोटी बड़ी जेलों में होती है, जहाँ अपराधी अपनी सजा काट रहे होते है। जेल पुलिस जेल में आपराधिक गतिविधियों कैदियों पर निगरानी करना तथा जेल में शांति बनाये रखने का कार्य करती है।

यातायात पुलिस - यातायात पुलिस का मुख्य उदेश्य ट्रैफिक नियंत्रण कर जन सामान्य को विभिन्न दुर्घटनाओं से बचाना होता है।

आज के समय में जनसंख्या वृद्धि होने के कारण ट्रैफिक अधिक बढ़ रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप कई वाहन और लोग प्रतिदिन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।

जिनमें सम्पति की हानि तो होती ही है, साथ ही लोग अपंग हो जाते है और बहुत से लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर मर भी जाते है।

इसलिए ट्रैफिक पुलिस वाहन दुर्घटना पर ट्रैफिक कण्ट्रोल द्वारा नियंत्रण रखते है। शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस सफेद वर्दी में दिखाई देती है।

जो लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने का आदेश देती है. तथा ट्रैफिक पर नियंत्रण करती है। ट्रैफिक पुलिस वाहन

चालकों के लाइसेंस उनके गाड़ियों के कागजात बीमा आदि को भी चेक करती है और ना होने पर उन पर कार्यवाही की जाती है।

खुफिया पुलिस - खुफिया पुलिस वह पुलिस होती है, जो देश के अंदर ही देश के विभिन्न असामाजिक तत्वों के गलत इरादों का पता लगाकर उनका पर्दाफाश करती है और उन्हें गिरफ्तार करके

उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए न्यायालय में पेश करती है। खुफिया पुलिस आम तौर पर सामान्य ड्रेस में ही होती है, जो कहीं पर भी किसी भी समय हो सकती है।

इसके साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस, सशस्त्र पुलिस तथा अन्य पुलिस के प्रकार होते हैं. जो देश के अंदर ही विभिन्न प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने का कार्य करते हैं।

पुलिस के कार्य Work of Police 

पुलिस के विभिन्न प्रकार के पद होते हैं, इनके रैंक (Rank) के हिसाब से अधिकारी भी होते हैं, जिनमें सबसे छोटे पद वाले व्यक्ति को कॉन्स्टेबल (Constable) कहा जाता है।

कॉन्स्टेबल से लेकर बड़े से बड़े अधिकारी के बहुत ही कठिन कार्य होते है, क्योंकि इनका कार्य केवल देश की नागरिकों (Citizen) की संपत्ति की सुरक्षा तथा शांति स्थापित करना ही नहीं होता।

बल्कि देश के राजनेताओं (Politician) की रक्षा करना जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न फैलने देना हिंसा फैलने पर उसका तुरंत नियंत्रण करना देश के अंदर चोरी डकैती तथा

विभिन्न प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण करना और दोषी को पकड़कर न्यायालय में पेश करना भी होता है। कई बार तो पुलिस विभिन्न प्रकार के चोर डकैतों के साथ मुठभेड़ करते हुए शहीद हो जाते हैं,

और कुछ घायल भी हो जाते हैं। यहाँ तक कि कह सकते हैं, कि पुलिस के सर पर तो 24 घंटे ही खतरा मंडराता रहता है।

इसलिए पुलिस का प्रत्येक जवान चौबीसों घंटे अलर्ट (Alert) रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करता है। जाड़ा, गर्मी बरसात हर एक मौसम में अपना उन्हें कार्य करना पड़ता है।

पुलिस की भूमिका Role of Police 

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ पर प्रत्येक व्यक्ति को समान मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। अर्थात वह अपने समुचित विकास में विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप जो संविधान के अंतर्गत आते हैं कर सकता है।

किंतु भारत में लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण गरीबी और भुखमरी ने जन्म लिया है, जिसके कारण अपराधियों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है।

इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की कुरीतियाँ भी अपराधी प्रवृति को जन्म देने लगी है। जिसके फलस्वरूप आज समाज में चोरी,डकैती कालाबाजारी, जमाखोरी, रिश्वतखोरी आम तौर पर देखी जा सकती है।

अतः इन सभी समाज विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ही पुलिस का प्रादुर्भाव हुआ है। अतः पुलिस की समाज में अहम भूमिका होती है।

क्योंकि पुलिस ही वह व्यक्ति होता है, जो इन सभी असामाजिक गतिविधियों पर नियंत्रण करता है। और जो इन गतिविधियों में लिप्त होते है,उनको पकड़ कर न्यायाघीश के सामने पेश करता है।

जहाँ पर न्यायपालिका उस व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करके उसे उपयुक्त दंड देती है। इस प्रकार से पुलिस की भूमिका समाज तथा देश के नागरिकों में शांति सुरक्षा का वातावरण स्थापित करना होता है।

पुलिस का इतिहास History of Police 

पुलिस का इतिहास बहुत ही प्राचीन इतिहास है वैदिक काल में भी समाज में असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु पुलिस विभाग हुआ करता था।

उस समय पुलिस अधिकारी को जीवग्रिभ कहते थे।कुछ समय बाद गांव में ग्राम पंचायत स्थापित होने के कारण गांव के प्रधानों मुखिया तथा सरपंचो को किसी

अपराध में व्यक्ति को लिप्त होने पर उसे सजा देने की प्रवृत्ति अपनाई जाती थी। उस समय उसे ग्राम पंचायत कहा जाता था और लोग कोई भी अपराध होने पर गाँव की पंचायत में न्याय हेतु जाते थे।

मध्यकालीन युग में राजा महाराजाओं के यहाँ भी पुलिस विभाग हुआ करता था। जहाँ पर गुप्तचर पुलिस के साथ ही सामान्य पुलिस हुआ करते थे।

यह समाज विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाया करते थे। तथा समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को राजा के सामने पेश करते थे। जहाँ पर उनके अपराधों का दंड दिया जाता था।

किंतु वास्तविक पुलिस प्रणाली का विकास भारत में अंग्रेजों के शासन काल में हुआ। लॉर्ड कार्नवालिस को भारत में पुलिस का जन्मदाता (Father of Police) माना जाता है।

सबसे पहले लार्ड कार्नवालिस ने ही भारत में विभिन्न स्थानों का पुलिस थाने बनवाएँ और सन 1861 पुलिस एक्ट (Police Act) द्वारा पुलिस प्रणाली संपूर्ण देश में स्थापित हो गई।

आज के समय में पुलिस विभाग एक विकसित विभाग है, जो गृह विभाग के अंतर्गत आता है, जिसमें पुलिस के विभिन्न प्रकार हैं, जो अपने-अपने उत्तरदायित्व और कर्तव्यों का पूर्ण निर्वाहन करते हैं।

प्रत्येक प्रदेश में एक पुलिस महानिदेशक होता है,जिसके अंतर्गत पुलिस उप महानिदेशक आते हैं. जबकि प्रत्येक जनपद में एक सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है जिसके नियंत्रण में पुलिस कार्य करती है।

पुलिस के पद Post of Police

एक पुलिस के अनुसार निम्न प्रकार के पद होते हैं:-

  1. कॉन्स्टेबल :- कॉन्स्टेबल पुलिस विभाग का सबसे छोटा पद होता है जिसकी वर्दी के कंधे पर जो पट्टी लगी होती है वह साधारण पट्टी होती है।
  2. हवलदार :- कॉन्स्टेबल से बड़ा पद हवलदार का होता है जिसके कंधे पर सफेद धारियों वाली पट्टी लगी होती है, जो उसकी पहचान होती है। 
  3. असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर :- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को ASI के नाम से जाना जाता है इनके कंधे पर जो पट्टी लगी होती है उस पर एक स्टार होता है।
  4. सब इंस्पेक्टर :- सब इंस्पेक्टर को एसआई SI कहते हैं, जो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से पद में बड़ा होता है और इसकी वर्दी पर जो पट्टी लगी होती है उस पर 2 स्टार लगे होते हैं।
  5. इंस्पेक्टर :- इंस्पेक्टर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर से पद में बड़ा होता है। इसकी वर्दी पर जो पट्टी लगी होती है, उस पर 3 स्टार होते हैं, जो पीले रंग के होते हैं।
  6. डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस :- इसको डीएसपी और सीओ के नाम से भी जाना जाता है, जिसके कंधे पर जो पट्टी होती है उस पर तीन स्टार लगे होते है।
  7. एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस :- एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को ASP के नाम से जाना जाता है इनके कंधे पर केवल एक अशोक चिन्ह होता है।
  8. सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस :- सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को एसपी के नाम से जाना जाता है जो एक आईपीएस अफसर होता है उसके कंधे पर भी एक अशोक चिन्ह होता है।
  9. सीनियर सुपरीटेंडेंट आफ पुलिस :- सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को एसएसपी (SSP) के नाम से जाना जाता है, इनके कंधे पर दो स्टार और एक अशोक चिन्ह होता है।
  10. डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस :- डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस डीआईजी (DIG) के नाम से जाना जाता है, इनके कंधे पर तीन स्टार पर एक अशोक चिन्ह होता है।
  11. इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस :- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को आईजी (IG) के नाम से जाना जाता है। उनके कंधे पर दो तलवारें और एक स्टार होता है।
  12. एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस :- इस पुलिस अधिकारी को एडीजी (ADG) के नाम से भी जाना जाता है, इनके कंधे पर एक अशोक चिन्ह के साथ दो तलवारें दिखाई देती हैं।
  13. डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस:- इन्हे डीजीपी (DGP) के नाम से जाना जाता है, यह पुलिस विभाग का सबसे बड़ा पद होता है इनके कंधे पर एक अशोक चिन्ह के साथ दो तलवारें दिखाई देती हैं।

निष्कर्ष Conclusion 

पुलिस प्रत्येक देश के अंदर देश तथा नागरिकों की सम्पति की सुरक्षा तथा नागरिकों में शांति और सुरक्षा की भावना को सुनश्चित करती है।

इसलिए पुलिस प्रत्येक देश के नागरिकों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किन्तु आज के समय में भ्रस्टाचार बढ़ जाने के कारण बहुत से पुलिस अफसर और पुलिस कर्मचारी भृष्ट हो चुके है,

अतः आज आम इंसान को न्याय पाने के लिए पुलिस चौकी न्यायलय के कई चक्कर काटने पढ़ते है, फिर भी न्याय नहीं मिलता, समाज में अपराधी प्रवृतियाँ लगातार बढ़ती जा रही है।

जिसका जिम्मेदार पुलिस व्यवस्था ही है। आज के समय में बहुत से लोगों का तो पुलिस से विश्वास उठ गया है। इसलिए सरकार तथा पुलिस के बड़े अफसरों को पुलिस व्यवस्था दुरुस्त करना चाहिए

समाज में होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाना चाहिए। तभी आम जानता पुलिस को अपना सच्चा साथी और मित्र समझेगी।

दोस्तों इस लेख में आपने पुलिस पर निबंध (Essay on Police in Hindi) पड़ा आशा करता हुँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

  • FAQs for Police

Q.1. पुलिस कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. पुलिस कई प्रकार के होते हैं जैसे कि यातायात पुलिस सामान्य पुलिस, खुफिया पुलिस आदि।

Q.2. पुलिस का फुल फॉर्म क्या है?

Ans. पुलिस का फुल फॉर्म Public Officer for legal investigations and criminal emergencies (पब्लिक ऑफिसर फॉर लीगल इंवेस्टीगेशंस एंड क्रिमिनल एमर्जेन्सीज़) होता है।

Q.3. भारत की पहली महिला IPS कौन थी?

Ans. भारत की पहली महिला आईपीएस 1972 में बनी किरण देवी थी।

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