माँ पार्वती के 108 नाम Maa parvati ke 108 naam
माँ पार्वती के 108 नाम Maa parvati ke 108 naam
दोस्तों जय माँ पार्वती आपका बहुत बहुत स्वागत है, इस लेख माँ पार्वती के 108 नाम (108 Nane of Maa Parvati) में।
इस लेख में दोस्तों आप माँ पार्वती के नाम, माँ पार्वती के 108 नाम, माँ पार्वती के कितने अवतार थे। आदि महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानेंगे।
तो दोस्तों माँ का जयकारा लगाकर पढ़ते है, यह लेख माँ पार्वती के 108 नाम तथा अवतार:-
इसे भी पढ़े:- रावण का असली नाम क्या था
माँ पार्वती के पिता का नाम fathers name of maa parvati
माँ पार्वती,उमा या गौरी मातृत्व, सद्भाव, विवाह,शक्ति, प्रेम, सौंदर्य, संतान की देवी कहलाने वाली तथा कई अन्य नामों से जाने जाने वाली देवी है।
माँ पार्वती सर्वोच्च हिंदू देवी परमेश्वरी (शिवशक्ति) की पूर्ण साकार रूप या अवतार है जिन्हे हिन्दू धर्म में एक उच्चकोटि की देवी का महत्त्व प्राप्त है,
ऐसी भक्तवत्सल देवी माँ पार्वती के पिता का नाम हिमवान था, जो हिमालय राज्य के राजा थे। तथा उनकी माँ का नाम मैनावती था।
माँ पार्वती के नाम Names of maa parvati
भगवान शिव की शक्ति कहलाने वाली देवी माँ पार्वती के नाम अनेक है। जिनके स्मरण मात्र से मनुष्य सभी कष्टों से मुक्त और भय मुक्त हो जाते है।
माँ पार्वती के नौ अवतार हुए, जिनमे उन्होंने अपने सभी भक्तो के संकट दूर किये और दुष्टों का संहार किया। यहाँ माँ पार्वती के 108 नामों का वर्णन किया गया है,
जिनका सच्चे मन और श्रृद्धा भाव से जाप करने पर व्यक्ति हमेशा खुश रहता है।
माँ पार्वती के 108 नाम 108 names of Maa parvati
1. आद्य – प्रारंभिक या फिर वास्तविकता
2. आर्या – यह देवी का नाम है
3. अभव्या – यह नाम भय का प्रतीक है
4. अएंदरी – भगवान इंद्र की शक्ति
5. अग्निज्वाला – यह नाम आग का प्रतीक है
6. अहंकारा – यह नाम गौरव का प्रतीक है
7. अमेया – यह नाम उपाय से परे का प्रतीक है
8. अनंता – यह नाम अनंत का एक प्रतीक है
9. अनंता – इस नाम का अर्थ अनंत है
10. अनेकशस्त्रहस्ता – कई हथियारों को रखने वाली देवी
11. अनेकास्त्रधारिणी – वह देवी जो कई हथियारों को धारण करती हो
12. अनेकावारना – कई रंगों की देवी
13. अपर्णा – एक वह व्यक्ति जो उपवास के दौरान कुछ नहीं कहता है यह उसका प्रतीक है
14. अप्रौधा – वह जो उम्र नही लेता यह उसका प्रतीक है
15. बहुला – विभिन्न रूपों वाली
16. बहुलप्रेमा- हर किसी से प्यार करने वाली
17. बलप्रदा – यह नाम ताकत का दाता का प्रतीक है
18. भाविनी – खूबसूरत औरत का प्रतीक
19. भव्य – भविष्य का प्रतीक
20. भद्राकाली – काली देवी के रूपों में से एक देवी
21. भवानी – यह ब्रह्मांड की निवासी देवी
22. भवमोचनी – ब्रह्मांड की समीक्षक का प्रतीक
23. भवप्रीता – ब्रह्मांड में हर किसी से प्यार पाने वाली देवी
24. भव्य – यह नाम भव्यता का प्रतीक है
25. ब्राह्मी – वह देवी जो भगवान ब्रह्मा की शक्ति है
26. ब्रह्मवादिनी – हर जगह उपस्थित देवी
27. बुद्धि – ज्ञानी देवी
28. बुध्हिदा – ज्ञान की दात्री देवी
29. चामुंडा -वह जो चंड और मुंड राक्षस की हत्या करने वाली देवी है
30. चंद्रघंटा – यह नाम ताकतवर घंटी का प्रतीक है।
31. चंदामुन्दा विनाशिनी – जिसने चंड और मुंड की हत्या की वह देवी
32. चिन्ता – तनाव का प्रतीक
33. चिता – मृत्यु-बिस्तर का प्रतीक
34. चिति – सोच मन का प्रतीक
35. चित्रा – सुरम्य का प्रतीक
36. चित्तरूपा – सोच या विचारशील राज्य का धोतक
37. दक्शाकन्या – दक्ष की बेटी का नाम
38. दक्शायाज्नाविनाशिनी – दक्ष के बलिदान को टोकने वाला
39. देवमाता – वह जो देवी माँ है
40. दुर्गा – अपराजेय देवी
4. एककन्या – बालिका का प्रतीक
42. घोररूपा – भयंकर रूप का प्रतीक
43. ज्ञाना – ज्ञान का प्रतीक
44. जलोदरी – ब्रह्मांड में निवास करने वाली देवी
45. जया – विजयी का प्रतीक
46. कालरात्रि – वह देवी जो काली है और रात के समान दिखाई देती है।
47. किशोरी – किशोर का प्रतीक
48. कलामंजिराराजिनी – संगीत पायल का प्रतीक
49. कराली – हिंसक का प्रतीक
50. कात्यायनी – बाबा कत्यानन इस नाम को पूजते है
51. कौमारी- किशोर का प्रतीक
52. कोमारी- सुंदर किशोर का प्रतीक
53. क्रिया – लड़ाई का प्रतीक
54. क्र्रूना- क्रूर का प्रतीक
55. लक्ष्मी – वह जो धन की देवी है
56. महेश्वारी – वह जो भगवान शिव की शक्ति है
57. मातंगी – वह जो मतंगा की देवी
58. मधुकैताभाहंत्री – वह देवी जिसने राक्षस और मधु और कैटभ को मार दिया
59. महाबला – शक्ति का प्रतीक
60. महातपा – तपस्या का प्रतीक
61. महोदरी – एक विशाल पेट में ब्रह्मांड में रखने वाली
62. मनः – मन का प्रतीक
63. मतंगामुनिपुजिता – बाबा मतंगा द्वारा पूजी जाने वाली
64. मुक्ताकेशा – खुले बाल वाली
65. नारायणी – भगवान नारायण विनाशकारी विशेषताएँ
66. निशुम्भाशुम्भाहनानी – देवी जिसने शुम्भ, निशुम्भ को मारा है
67. महिषासुर मर्दिनी – जिस देवी ने महिषासुर को मार है
68. नित्या – अनन्त का प्रतीक
69. पाताला – रंग लाल का प्रतीक
70. पातालावती – लाल और सफ़द घारण करने वाली
71. परमेश्वरी – अंतिम देवी
72. पत्ताम्बरापरिधान्ना – चमड़े से बना हुआ एक प्रकार का कपडा
73. पिनाकधारिणी – शिव का त्रिशूल का नाम
74. प्रत्यक्ष – असली
75. प्रौढ़ा – पुराना
76. पुरुषाकृति – आदमी का रूप लेने वाली देवी
77. रत्नप्रिया – सजी देवी श्रृंगार करने वाली
78. रौद्रमुखी – विनाशक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा वाली
79. साध्वी – आशावादी देवी
80. सदगति – मोक्ष कन्यादान
81. सर्वास्त्रधारिणी – मिसाइल हथियारों के स्वामिनी
82. सर्वदाना वाघातिनी -सभी राक्षसों को मारने के लिए योग्य
83. सर्वमंत्रमयी – सोच के उपकरण
84. सर्वशास्त्रमयी – वह जो चतुर है सभी सिद्धांतों में
85. सर्ववाहना – सभी वाहनों की सवारी
86. सर्वविद्या – जानकार सब जानने वाली
87. सती – वह देवी जो अपने पति के अपमान पर अपने आप को जला दे
88. जगतजननी - सारे संसार की माँ
89. सत्ता – सब से ऊपर
90. सत्य – सत्य
91. सत्यानादास वरुपिनी – शाश्वत आनंद
92. सावित्री – वह जो सूर्य भगवान की बेटी
93. शाम्भवी – शंभू की पत्नी
94. शिवदूती – भगवान शिव के राजदूत
95. शूलधारिणी – वह जो त्रिशूल धारण करता है
96. सुंदरी – भव्य
97. सुरसुन्दरी – बहुत सुंदर
98. तपस्विनी – तपस्या में लगी हुई
99. त्रिनेत्र – तीन आँखों का व्यक्ति
100. वाराही – जो व्यक्ति वाराह पर सवारी करता हुआ
101. वैष्णवी – अपराजेय
102. वनदुर्गा – वह जो जंगलों की देवी
103. विक्रम – हिंसक
104. विमलौत्त्त्कार्शिनी – खुशी प्रदान करना
105. विष्णुमाया – भगवान विष्णु का मंत्र
106. वृधामत्ता – माँ का पुराना स्वरूप
107. यति – दुनिया का त्याग करने वाला
108. युवती – औरत
माँ पार्वती के कितने अवतार है Maa parvati ke kitne avtar the
माँ पार्वती के कितने अवतार थे - माँ पार्वती भगवान भोलेनाथ की प्रिय पत्नी है।
जिन्होंने अपने भक्तों को कष्टों तथा दुखों से उबारने के लिए तथा दुष्टों का नाश करने के लिए नौ अवतार लिए थे, जो निम्न प्रकार है:-
- शैलपुत्री: माँ पार्वती का पहला अवतार शैलपुत्री को सती कहा गया है। शैलपुत्री राजा दक्ष की कन्या थीं, जिन्होने सती भी कहा गया है. माता सती ने यज्ञ की आग में कूदकर खुद को भस्म कर लिया था।
- ब्रह्मचारिणी: माँ पार्वती का दूसरा अवतार है ब्रह्मचारिणी। देवी ब्रह्मचारिणी ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पाया था।
- चंद्रघंटा: माँ पार्वती का तीसरा अवतार है माँ चंद्रघंटा का, जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक हो, उन्हें माँ चंद्रघंटा कहते हैं।
- कूष्मांडा: पार्वती माँ का चौथा अवतार है, माँ कूष्मांडा का। कूष्मांड का अर्थ है वह देवी जो ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति रखती हो। इस अवतार में माँ उदर से अंड तक अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं, इसीलिए उनका नाम कूष्मांडा है।
- स्कंदमाता: माँ पार्वती का पाँचवा अवतार माँ स्कन्दमाता का है, इस रूप में वह कार्तिकेय की माँ हैं। इसलिए कार्तिकेय का नाम भी स्कंद है और माँ पार्वती को स्कंद की माता अर्थात स्कंदमाता कहा जाता हैं।
- कात्यायिनी: यह माँ पार्वती का छंटवा अवतार है। जब एक बार कात्य गोत्र में जन्मे महर्षि कात्यायन ने माता पार्वती की कठिन तपस्या की और एक पुत्री की कामना की। तब माँ पार्वती ने स्वयं उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसकारण ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के से उनका नाम कात्यायनी हुआ। इसी अवतार में माँ कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था।
- कालरात्रि: माँ पार्वती का यह सातवा अवतार है। जिन्हे कालरात्रि कहा जाता है। कालरात्रि माँ सभी संकटो का नाश करती है।
- महागौरी: यह माँ पार्वती का आठवाँ अवतार है, यह बात उस समय कि है जब भगवान शिव शंकर को पाने के लिए माँ पार्वती ने कठोर तप किया था, इसलिए उनका रंग काला पड़ गया था। लेकिन भगवान शंकर उनकी तपस्या से प्रसन्न हो गए और उनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल धोया, उस समय से उनका शरीर विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा।
- सिद्धिदात्री: यह माँ पार्वती का नौवाँ अवतार है, जो हर प्रकार की सिद्धि से संपन्न हैं, इसलिए इन्हे सिद्धिदात्री देवी कहा जाता है।
दोस्तों आपने इस लेख में माँ पार्वती के नाम, माँ पार्वती के 108 नाम (108 Name of Maa Parvati) तथा माँ पार्वती के कितने अवतार थे पढ़े।
कृपया कमेंट में जय माँ पार्वती हर हर महादेव अवश्य लिखें. और इस लेख को अपने दोस्तों में शेयर करें, आपकी मनोकामना पूर्ण हो।
- इसे भी पढ़े:-
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें